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Dheeraj Srivastava

Tragedy Inspirational

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Dheeraj Srivastava

Tragedy Inspirational

अम्मा तुम तो चली गयी

अम्मा तुम तो चली गयी

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अम्मा तुम तो चली गयी पर लाल तुम्हारा झेल रहा।

जैसे तैसे घर की गाड़ी अपने दम पर ठेल रहा।


बैठ करे पंचायत दिन भर

सजती और सँवरती है।

जस की तस है बहू तुम्हारी

अपने मन का करती है।


कभी नहीं ये राधा नाची कभी न नौ मन तेल रहा।

अम्मा तुम तो चली गयी पर लाल तुम्हारा झेल रहा।


राधे बाबा का लड़का तो

बेहद दुष्ट कसाई है।

संग उसी के घूमा करता

अपना छोटा भाई है।


सोचा था कुछ पढ़ लिख लेगा उसमें भी ये फेल रहा।

अम्मा तुम तो चली गयी पर लाल तुम्हारा झेल रहा।


खेत कर लिया कब्जे में है

बोया उसमें आलू है।

लछमनवा से मगर मुकदमा

वैसे अब तक चालू है।


जुगत भिड़ाया तब जाकर वह एक महीने जेल रहा।

अम्मा तुम तो चली गयी पर लाल तुम्हारा झेल रहा।


चलो कटेगा जैसे भी अब

आशीर्वाद तुम्हारा है।

और भरोसा है ईश्वर पर

उसका बहुत सहारा है।


खेल खिलाता वही सभी को और जगत ये खेल रहा।

अम्मा तुम तो चली गयी पर लाल तुम्हारा झेल रहा।


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