जरूरी है
जरूरी है
जब भी एक ख्वाब ऑंखों में समाता है ,
नागफनी सा लिपटा कॉंटों में नज़र आता है,
तमाम कोशिशें पा लेने की बेकार होती हैं,
जब आरजू आजमाने की हद से गुजरती है,
कि क्यूं कर कोई ख्वाब ऑंखों में पालते हो,
दरकिनार हर आजमाइश को क्यों कर जाते हो,
क्यों गुफ्तगू की हजार कोशिशें नाकाम होती हैं,
क्यों दिल्लगी दिल से नहीं नज़रों से बयॉं होती है,
कुसूर किसी का दर्द को भुगतता कोई और है,
खाली दिल में अकेलेपन का बहुत शोर है,
कुछ ज्यादा ही खनकते हैं जेब में पड़े सिक्के,
खोखला जो होता है वही शोर बहुत जोर करता है,
ख्बाबों की हकीकत में तब्दीली बड़ी खुशकिस्मती है,
मोती जो चुने ऑंखों में वो बहुत ही बेशकीमती है,
खुली ऑंखों से देखे हुये ख्वाब ही अक्सर पूरे होते हैं,
जब मिलता है साथ मेहनत का ये भी बहुत जरूरी है..!