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Dheeraj Srivastava

Romance Others

4.9  

Dheeraj Srivastava

Romance Others

बिल्कुल नहीं रहा जाए

बिल्कुल नहीं रहा जाए

1 min
540


तुमसे दूर रहूँ मैं कैसे ?

बिल्कुल नहीं रहा जाए।


सच दरिया में डूब चला है

अब इस जग में झूठ भला है

नस - नस में है घुली वेदना

चीख रही है मगर चेतना


दिल का दर्द सहूँ मैं कैसे ?

बिल्कुल नहीं सहा जाए।


पग - पग पर हम केवल हारे

रहे झुलसते स्वप्न हमारे

पथरीले सब लोग यहाँ पर

सुखद नहीं संयोग यहाँ पर


इनकी बाँह गहूँ मैं कैसे ?

बिल्कुल नहीं गहा जाए।


नहीं जानता मैं छल कोई

तुम नदिया हो चंचल कोई

प्रिये तुम्हारी धार तेज है

बहने की रफ्तार तेज है


संग तुम्हारे बहूँ मैं कैसे ?

बिल्कुल नहीं बहा जाए।


कहने को तो सब कहते हैं

पत्थर तक को रब कहते हैं

पर किस पर विश्वास करूँ मैं

तुमसे भी क्या आस करूँ मैं


बोलो सब कुछ कहूँ मैं कैसे ?

बिल्कुल नहीं कहा जाए।


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