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Praveen Gola

Romance Tragedy

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Praveen Gola

Romance Tragedy

ख्वाबों को चलना ना आया

ख्वाबों को चलना ना आया

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ख्वाबों को चलना ना आया ,तेरे संग बिखरना ना आया

जानती हूँ तुझको मेरा ,ये अनोखा रँग ना भाया।

मैं शर्म ~ओ ~हया में डूब जाती ,तुझसे अपने ख्वाब छिपाती ,

तुझको मेरी खामोशी का ,ये एहसास पसंद ना आया.

तूने मुझे कई बार धिक्कारा ,उसने मुझे तब दिया सहारा ,

मेरे खामोश ख्वाबों को उसने ,अपना एक ख्वाब बनाया।

हम दोनो के ख्वाब निराले ,चलते जब संग लगते प्यारे ,

उन ख्वाबों को दिल में रख कर ,हमने नया एक ख्वाब बनाया।

ख्वाबों को चलना ना आया ,उस नए ख्वाब ने दिल डराया ,

जानती हूँ उसका और मेरा ,वो ख्वाब कभी पूरा ना हो पाया।।



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