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Preeti Sharma "ASEEM"

Tragedy

4  

Preeti Sharma "ASEEM"

Tragedy

स्वतंत्रता

स्वतंत्रता

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हर मुश्किल, हर समस्या, हर तकलीफ से।

स्वतंत्र कर जाती हैं....... जब मौत आती है।

हर चिंता, हर परेशानी, हर डर से,

स्वतंत्र कर जाती हैं....... जब मौत आती है।


भूत, भविष्य, वर्तमान की दुविधा से,

स्वतंत्र कर जाती हैं....... जब मौत आती है।

सारे गुस्से, गिले और झगड़ों से।

स्वतंत्र कर जाती हैं....... जब मौत आती है।


प्यार, नफ़रत के सारे किस्सों से,

स्वतंत्र कर जाती हैं....... जब मौत आती है।

अपने साथ लड़ रहे इंसान को मकसद से,

स्वतंत्र कर जाती हैं....... जब मौत आती है।


जिंदगी स्वतन्त्रता नहीं देती।

अपनी शर्तों पर बांध कर रखती हैं।

जबकि सारे बंधन खोल जाती हैं।

................... जब मौत आती है।


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