STORYMIRROR

Anita Mandilwar Sapna(world record holder)

Tragedy Inspirational

4  

Anita Mandilwar Sapna(world record holder)

Tragedy Inspirational

स्वतंत्रता

स्वतंत्रता

1 min
289

स्वतंत्रता के लिए वो, हँसते हुए क़ुर्बान 

शूरवीर मर्दानी थी, शीश तो झुकाइए।


स्मृति के दीप जलाओ, यादों के धुंध हटाओ

झांसी की रानी को अश्रु, अध्यॆ तो चढाइये


अफसोस हम भूले, गैरों के उन चालों को 

लहू हमारा पीते थे, कथा तो सुनाइये 


चढ़ अश्व चढ़ाई की, तलवार के वारों से

कालों की भी काल बनी, पुष्प तो चढ़ाइये 


रानी झांसी वाली तुम, दुर्गा बन कूद पड़ी 

भारत माता की तुम, जननी कहलाई


मन में अंकुर फूटा, बाल मन अकुलाया

वीर आराध्या बनी वो, भारती कहलाई


मुंडो के भी मुंड कटे, झुंडों में भी शत्रु दल

रानी भी बनी मर्दानी, शीश तो नवाइये


आजादी अलख जगा, सीने में भी आग लगा

शमशीर उठा लिया, श्रद्धा दिखलाइये।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy