बाल श्रमिक
बाल श्रमिक
बाल श्रमिकों की भी क्या खूब कहानी है
तन पर न ढंग का कपड़ा
न पेट भर दाना-पानी है।
दिखती नहीं पेट की ज्वाला
पर जलना इनका जारी है
रोजी-रोटी के लिए
निस दिन पलायन जारी है
बाल श्रमिकों की भी क्या खूब कहानी है।
दुखों से इनका गहरा नाता
खुशियां हुई बेगानी हैं
बाल श्रमिकों की भी क्या खूब कहानी है।
हर मौसम की ये मार झेलता
दुःख-पीड़ा सब हंसकर सहता
पर हार कभी न मानी है
बाल श्रमिकों की भी क्या खूब कहानी है।
