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Kishan Negi

Tragedy Inspirational

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Kishan Negi

Tragedy Inspirational

जिंदगी तेरी ये खामोशी

जिंदगी तेरी ये खामोशी

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जिंदगी, तेरे चेहरे पर 

ये जो खामोशी पांव फैलाए पसरी है न

कहीं ये किसी अनजाने तूफान के

आने की आहट तो नहीं 

तू बेशक न बताए मुझे मगर

मैं जानता हूँ कि जब जब

झेली है मैंने कोई बड़ी मुसीबत

तू शांत चित मन से बतियाती रही थी मुझसे

और फिर बाद उसके 

मुश्किलों के पहाड़ गिराए थे

आसमां छूती मेरी अभिलाषाओं पर

कुठाराघात किया था मन की तरंगों पर

परेशानियों के थे बादल भी बरसाए

उमंगों की तरुणाई की चौखट पर

भूला नहीं हूं अब तलक उन पलों को

जब अपनी उलझनों के जाल में 

कुछ इस तरह फंसाया था तूने

कि आज भी हाथ पैर मार रहा हूँ

तेरी अनहोनियों के गहरे सागर में

मगर दूर दूर तक किनारे नज़र नहीं आते 

एक तू है कि दूर खड़े होकर

बस देखती है ये तमाशा मुस्कुराकर

शायद इसी का नाम ज़िन्दगी है।



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