सोशल मीडिया
सोशल मीडिया
किसी का पहला प्यार तो किसी से अंतिम बात
छुपाए बैठा है यह सोशल मीडिया,
किसी के अपने तो किसी के अपनत्व को भुलाया
बैठा है यह सोशल मीडिया,
घड़ी, कैलकुलेटर और अलार्म की जिंदगी बर्बाद
कर बैठा है यह सोशल मीडिया,
हर किसी के भी जिंदगी की राज जानता है
यह सोशल मीडिया,
कभी किसी को शारीरिक तो कभी मानसिक
रूप से प्रताड़ित करता है
यह सोशल मीडिया,
सुदूर रहने वाले को भी पास ला देता है
यह सोशल मीडिया,
अपने को पराया और परायों को अपना
बना देता है यह सोशल मीडिया,
हर किसी के जीवन से खेलता रहा है
यह सोशल मीडिया,
फिर भी सभी सीने से लगा रखे हैं
यह है सोशल मीडिया,
बहुत से युवाओं की नींद उड़ाए बैठा है
यह सोशल मीडिया,
अनिद्रा, डिप्रेशन और नोमोफोबिया जैसा रोग
लगाया है यह सोशल मीडिया,
किसी का पहला प्यार तो किसी से अंतिम बात
छुपाए है यह सोशल मीडिया।