याद रखने को बने ये दिवस उन्हें जीना है हर दिवस। याद रखने को बने ये दिवस उन्हें जीना है हर दिवस।
कौन था मानसिक विछिप्त कौन था मानसिक विछिप्त
इजाद करो यारों वरना भयंकर त्रासदी को झेलना होगा। इजाद करो यारों वरना भयंकर त्रासदी को झेलना होगा।
गर थोड़ा खुद सुधर जाये फिर तो खुद पे ही तारीफ के फूल बरसाए। गर थोड़ा खुद सुधर जाये फिर तो खुद पे ही तारीफ के फूल बरसाए।
आज की दुनिया में इन्सान हँसना ही भूल गया है, बात बात पर चिड जाना उसका स्वभाव बन गया है, ऐसे में हँसी... आज की दुनिया में इन्सान हँसना ही भूल गया है, बात बात पर चिड जाना उसका स्वभाव बन ...
पति-पत्नी में बनती नहीं है, सुकून से गृहस्थी चलती नहीं है। पति-पत्नी में बनती नहीं है, सुकून से गृहस्थी चलती नहीं है।