आंतरिक क्वारंटीन
आंतरिक क्वारंटीन
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हम शोर नहीं मचाते
सच लिखते हैं
जाने कल रहे या ना रहे
इसलिए आज लिखते हैं
हम जिंदगी चाहते हैं
कोरोना त्रासदी
ने आंतरिक कोहराम
मचा रखा है।
पारिवारिक टूटन एवं
घुटन को रोकना होगा।
क्योंकि
विसंगतियों के बावजूद
अदम्य जिजीविषा के
अभिलाषी हैं।
मानसिक चिंताओं,
कुंठाओं ने
रास्ते अवरुद्ध कर रखा है।
कोई तो
आंतरिक क्वारंटीन
इजाद करो यारों
वरना भयंकर त्रासदी को
झेलना होगा।