बदल कर रख दो
बदल कर रख दो
आज का अख़बार
मेरे हाथ में।
खबरें-
भ्रूण हत्या,
बस स्टैंड पर मिली
दो बरस की लावारिस बच्ची,
एक लड़की का रेप
दूसरी का गैंग रेप
प्रेमिका के चेहरे पर फैंका एसिड
भाई और बाप ने मिल किया कत्ल (ऑनर किलिंग)
पति ने घोंपा छुरा,
पति की ज़्यादतियों से
तंग आकर पत्नी ने की
आत्महत्या,
दहेज लोभी ससुराल वालों ने जलाई बहू,
बदमाशों ने छीनी चेन।
शिकार एक
हर कदम पर
शिकारी अनेक
शिकारी कौन, लगभग सभी मर्द।
वाह रे पुरुष प्रधान समाज।
अनजान मत बनिए।
आप जानते हैं
यह बेटी, बहन,
प्रेमिका,पत्नी.
मां,
पुरुषों का ही बीज है
>पुरुषों का ही अंश है।
हैरानी की बात
पुरुषों ने नारी शरीर को
केवल भोग की
वस्तु बना डाला है।
कुछ तो प्रकृति ने ही
नारी शरीर के साथ
ज़्यादती की है
और पुरुषों ने तो बस
पूछो मत।
प्रश्न पैदा होता है,
बिन नारी
संसार चल सकता है क्या
बिन नारी
संसार का क्या है अस्तित्व।
क्या आप जानते हैं
जिस दिन नारी काली,
चण्डी या ज्वाला का रूप
धारण करती है
सब कुछ तबाह हो जाता है
सब कुछ हो जाता है भस्म।
उठो जागो,
भारत की नारी जागो
अपने अंदर शक्ति पैदा करो,
चंडी बनो, काली बनो या
फिर ज्वाला
सब कुछ बदल कर रख दो।