होली
होली
फागुन ने दस्तक दी
मौसम ने करवट ली
बसन्त बहार आई
चहूं ओर हरियाली छाई।
होली का त्योहार आया
खुशियों का भण्डार लाया
ढोल मंजीरे बजने लगे
रंगों ने उधम मचाया।
होलिका और प्रल्हाद की
गाथा सुनाता यह त्योहार
बुराई पर अच्छाई की
जीत का गुणगाण करता
यह त्योहार
कड़कती सर्दी से
गर्मी की ओर रुख करता
यह त्योहार
गले मिल शिकवे शिकायत
दूर करता यह त्योहार
भारतीय संस्कृति की धरोहर
यह त्योहार
न जाने कितनी बेसब्री से
इन्तज़ार रहता है
हमें तेरा, ए त्योहार।
रंगों और पिचकारी से
खेलते सब जन,
आ प्रिय,
ज़िन्दगी के रंगों से खेलें हम
उतार चढ़ाव,
संघर्ष, तनाव, उलझन
खुशी से सहें सब।
फागुन ने दस्तक दी
मौसम ने करवट ली
बसन्त बहार आई
चहूं ओर हरियाली छाई।