बेटे के जन्मदिन पर
बेटे के जन्मदिन पर


आज तुम्हारा जन्मदिन है
लख लख बधाई
लख-लख शुभकामनाएं
तुम जियो हजारों साल
साल के दिन हों पचास हजार।
मुझे याद है
तुम्हारी पैदाइश का दिन
तुम रोए नहीं,
चूंकि नवजात के लिए रोना जरूरी होता है डॉक्टर ने कर दी
तुम्हें उल्टा कर,
पीठ पर थप्पड़ों की बौछार
इतने कोमल शरीर को थप्पड़?
क्या मोह उमड़ा था
मेरा उस दिन तुम पर,
मन किया कि मैं डाॅक्टर को
वापस रसीद कर दूं।
जब तुम मेरी गोद में पहुंचे
तुम एकदम साफ-सुथरे
गोरी चिट्टे, दुबले, पतले और लंबे
ट्यूब लाइट को निहराते हुए।
पिछले चौबीस घण्टों की प्रसव पीड़ा भूल
महसूस हुआ
मैंने अपने शरीर को सार्थक किया।
मुझे याद है
वह दिन
पांच माह की उम्र में
तुम्हारी फोटो खींचना
सभी रिश्तेदारों में वायरल कर देना,
अपने डैडी के पेट रुपी गद्दे पर सोना
तुम्हारा पहला शब्द मां कहना
तुम्हारा लड़खड़ाते हुए
पहला कदम लेना
अभी भी याद करुं
मन में गुदगुदाहट होती है।
माना, तुम बड़े हो गए हो
मेरे लिए अभी भी छोटे हो।
मुझे वह दिन भी याद है
केवल तीन वर्ष की उम्र में
जब तुम्हें
स्कूल दाखिल करवाने गए थे।
टीचर ने तुम्हें अपनी गोद में बिठा लिया।
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रास्ते में सभी को तुम बता रहे थे
मैं पढ़ने जा रहा हूं।
पढ़ने में एकदम कुशाग्र
जो एक बार पढ़ लिया
सुन लिया
याद हो गया।
नालागढ़ के साधारण स्कूलों में पढ़कर
उच्च शिक्षा प्राप्त कर
उन्नीस साल की अल्पायु में इंजीनियर बन जाना अपने आप एक उपलब्धि।
नौकरी का बुलावा आने पर
दिल्ली रवाना हो जाना
एक के बाद एक नौकरी बदल
अच्छी पोस्ट पर पहुंचना
पर मन में बड़ा आदमी बनने की
इच्छा रखना
शादी के बाद नौकरी छोड़
नालागढ़ वापस आ जाना
कुछ वर्ष बी सी सी फ्यूबा में जाॅब करना
फिर इंडस्ट्री का अहम् फैसला लेना।
एक से दो
दो से तीन
तीन से चार
तुम्हारा भरा- पूरा परिवार।
दिन रात परिश्रम कर
इंडस्ट्री लगाना
सफलता से इसे चलाना
हम सब गवाह है
तुम्हारी मेहनत की और सफलता के।
तुम इसी तरह उन्नति करते रहो
हमारा आशीर्वाद तुम्हारे साथ है।
इसके साथ एक संदेश भी है मां का
जब भी उड़ान भरो
सपनों की
जमीन पर पैर गढ़ा कर रखना
दूसरों के दुख दर्द को समझना
इस दुनिया में कुछ भी स्थिर नहीं है
बदलते हालात में कभी नहीं घबराना।
एक बार फिर
इन्हीं शुभकामनाओं के साथ।