आध्यात्मिक चश्मे
आध्यात्मिक चश्मे
आध्यात्मिक रंग के चश्मे आजकल काफी चलन में हो गए हैं।
बिना ग्रंथ पड़े ही सब ज्ञानी भी तो हो गए हैं।
वृद्धों की वाणी सुनेगा कौन,
अब तो बच्चे ही समझदार हो गए हैं।
हर सोशल साइट पर बंटता है ज्ञान।
बस उसको ही सच्चा मान।
मानवता रह गई बहुत ही पीछे।
दिखावे पर करते अभिमान।
आध्यात्मिक रंग के चश्मे पहन,
सभी सर्वज्ञ ज्ञाता हो गए हैं।
अब सच्चे मानव धर्म की
भला कोई कैसे करें पहचान।
अपने उसूलों को जिंदा रखना।
हृदय हो निष्कपट मन में सरलता रखना।
प्रकृति से निभाना प्रेम और हर प्राणी मात्र के लिए मन में करुणा रखना।
