हम तुम
हम तुम
अनजाने तुम थे बेगाने हम।
स्वर्ग में बनी थी जोड़ी
धरती पर आकर मिल गए हम।
अपनों का था छूटा साथ
नए परिवेश में ढल गए हम। सब कुछ पाया साजन तुमसे तुम्हारे ही रंग में ढल गए हम
छोड़ मायके की गलियां एक दिन ससुराल में आए थे हम,
जीवन के रास्ते पथरीले थे या थे उपवन
पर बने थे हम तुम हमकदम
जीवन की बगिया थी महकी, खिल उठा था हमारा चमन।
संसार हुआ था बहुत ही सुंदर
जब नन्हे नन्हे हाथों की मिली थी छुअन।
देख रहे हैं हम तुम दोनों सज रहा है यह हमारा उपवन।
प्रियतम तुम्हारा साथ मिले तो यह जीवन भी लगता है कम।
जन्म जन्मांतर का का बंधन है बांधा , हर जन्म में मिलेंगे हम।
आज के शुभ दिवस पर परमात्मा तुमको धन्यवाद करते हैं हम।
साथ हमारा बना रहे और सजा रहे यह उपवन।
परमात्मा यही कामना और इच्छा लेकर तुम्हारे मंदिर में आए हैं अब सब हम।
