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Madhu Vashishta

Action Classics Inspirational

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Madhu Vashishta

Action Classics Inspirational

स्वयं से अनुबंध

स्वयं से अनुबंध

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स्वयं का स्वयं से संबंध।

करो खुद से ही अनुबंध। 

प्यार खुद से करो 

अपनी ही गलतियों को क्षमा करो। 


दूसरे अगर दुख दे तो नहीं रखो संबंध।

और सब क्या सोचेंगे यह सोचकर मत होना कभी तंग।

जरूर के है रिश्ते सारे,

जरूरत पड़ेगी उनको तब 

वे फिर जोड़ देंगे संबंध। 


दुनिया की है रीत यही।

जरूरत खत्म तो संबंध भी खत्म।

ना भूलो कभी स्वयं का स्वयं से ही है संबंध। 

अपनी आत्मा को कलुषित

करके स्वयं को कभी ना करना तंग।


शरीर का भी रखो ख्याल सदा रखो स्वस्थ तन और मन।


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