पराक्रम
पराक्रम
पराक्रम का मतलब वो क्या जाने
जिसे का पता नहीं भारत हिन्द हिंदुस्तान।
पर उपकार कर्म न्योछावर जीवन
पराक्रम का है मान।।
परमात्मा की सत्ता आत्म शक्ति का
संधान समर्पण युग समाज राष्ट्र
वर्तमान इतिहास की खातिर
पराक्रम के मूल मंत्र सम्मान।।
स्वयं स्वार्थ का त्याग नियत नीति
निर्धारक जन्म मृत्यु से निडर
जीवन का उद्देश्य काल की गति
निधार्रण पराक्रम का सत्य सत्यर्थ
सर्व स्वीकार।।
प्रभावती जानकी नाथ की
आभा कटक भूमि भारत की
अविनि अभिमान।
आज वर्तमान अतीत के गौरव
गूंज का है गवाह।।
शिक्षा दीक्षा में गोरों को दिया चुनौती
व्यक्ति व्यक्तित्व का अपना अंदाज़
पराक्रम का नव सूर्य सूर्योदय
पराक्रम का युग पुरुष प्रवाह
सुभाष नाम।।
विनम्रता आभूषण धीर वीर गंभीर
नैतिक मूल्यों का मानव मानवता का पराक्रम अग्रदूत टकराव नहीं
फौलाद इरादों का पराक्रम प्रखर प्रवाह।।
गांधी जी के उद्देश्यों की ज्वाला
आग अंगार सत्य अहिंसा के महात्मा
कर्म धर्म राष्ट्र मूल्य बापू के
मकसद का उत्साह पराक्रम नेता नाम।।
पराक्रम का युग पुरुष सुभाष
शून्य से शिखर जीवन की नई
परिभाषा प्रमाण ।।।
निर्बाध बढ़ता
जाता लिखने खुद के वर्तमान से
एक नया इतिहास की शान।।
कल्पना की सत्यता का क्रांति
पुत्र भारत के वीर सपूतों की
संयुक्त शक्ति हिन्द की सेना का
नायक नेता सुभाष था गूंज गान।।
हिम्मत साहस की पूंजी मात्र
भारत की आजादी की ज्वाला
चिंगारी काल कराल विकट विकराल
दुश्मन का भय भान।।।
प्रथम पुरुष
विश्व का पास नहीं कुछ भी
था ठन ठन गोपाल दृढ़ इच्छा
शक्ति निष्ठा समर्पण पूंजी ।
किया अस्त्र शस्त्र आजाद हिंद फौज सेना का निर्माण।।
दानव दुश्मन ने हिम्मत हारी
समझ गया अर्थ पराक्रम
खून और आजादी के जंग
जज्बे की आवाज अंदाज़।।
भारत के इतिहास में नेता
स्वतंत्रता स्वतंत्र विचार की सोच
स्वतंत्रता की ज्वाला मिसाल मशाल
पराक्रम की पराकाष्ठा की अवनि
आकाश।।