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Dr.Purnima Rai

Action Classics Inspirational

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Dr.Purnima Rai

Action Classics Inspirational

दोहे_पूर्णिमा

दोहे_पूर्णिमा

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ध्यान लगाकर सुख मिले, कष्ट मुक्त संसार ।

मुख-मण्डल पर ओज हो, भवसागर हो पार।।१


विनय हृदय से कर रही, जग में फैले प्यार।

खुशहाली के नूर से , ईश दिखे साकार।।२


चित्त भी पावन हो गया, आस जगी हर ओर।

फूल-फूल पर ओस है, नाचे मनवा मोर।।३


वक्त बदलता वक्त से, मन मत ज्यादा सोच।

विश्वव्यापी बन ज़रा, वर्तमान को लोच।।४


मन पतंगा कह रहा, मत करना विश्राम।

चमक "पूर्णिमा" चमकती, धरा पे तीर्थधाम।।५


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