गर्मी रानी
गर्मी रानी
गर्मी रानी गर्मी रानी
क्यों आई तुम गर्मी रानी
पंखें के पर घूम रहे हैं
मेरे मुख को चूम रहे हैं
गर्म हवा करती शैतानी
क्यों आई तुम गर्मी रानी------
मुझको आया बहुत पसीना
ऐसे चमके लगे नगीना
चाल हुई मेरी मस्तानी
क्यों आई तुम गर्मी रानी-------
भोजन को मैं दूर भगाऊँ
ठण्डा शरबत पीता जाऊँ
चंदा की ही सुनूँ कहानी
क्यों आई तुम गर्मी रानी-------
बिजली हमें बहुत तड़पाती
ए सी के बिन नींद न आती
भूल गया सब पाठ जुबानी
क्यों आई तुम गर्मी रानी------
सुबह-सवेरे सैर करूँ मैं
मात चरण पर शीश धरूँ मैं
भूल न पाऊँ दादी नानी
क्यों आई तुम गर्मी रानी---