हिन्दुस्तान के प्राण
हिन्दुस्तान के प्राण


देखो कैसा समय है आन पड़ा
हिंदी का वासी हिंदी से अनजान खड़ा
समझे विदेशी भाषा को वो अपनी शान
करके अपनी मातृभाषा को कुर्बान
जगह - जगह खुली अंग्रेजी की दुकान
सोचकर हंसी आती है क्या तुम ऐसे बनोगे महान
हिंदी वो भाषा है जिसमें बसते हिन्दुस्तान के प्राण
जागो - जागो मेरे प्यारे देशवासियों
समझो देश की संस्कृति है कितनी महान
यहां पग - पग पर है बदलता खान - पान
बोलने के लिये है हजारों बोली
हर धर्म मजहब की ये है अनोखी पहचान
जो इन्हें पिरो दे एकता के सूत्र में
वो हिंदी ही है जिसमें बसते हिंदुस्तान के प्राण