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Mukesh Tihal

Classics Inspirational

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Mukesh Tihal

Classics Inspirational

शांति की तलाश में

शांति की तलाश में

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शांति की तलाश में भटकता है जब - जब ये मन 
कोई पहुँचा दूर ऊँचे हिमालय निर्जन सुनसान वन 
बैठा लगा त्रिकाल समाधि कर तन्मय अपना अंतर्मन 
भूल गया सुध - बुध जला डाला तन कर कठोर तपन 
क्या हर कोई कर पाता पाने को मोक्ष - शांति ये जतन 

जब होने लगे इंसान का खुद में खुद का रमन 
तब जरूरत नहीं जाने की हिमालय वन गमन 
मन का जिसने भी किया हो बार - बार मंथन 
गृहस्थ - सन्यासी बन हुआ जो भी प्रभु मगन 
उसको भी मोक्ष मिला बिन भटके पर्वत - वन 


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