मौत की दस्तक
मौत की दस्तक
जब मैं केवल साठ वर्ष की थी
शूगर, बी पी व
कई अन्य बीमारियों ने आ घेरा।
यह मौत की पहली दस्तक थी।
मौत ने कहा चलो
मैंने कहा अभी नहीं
मेडिकल साइंस ने
इतनी तरक्की कर ली है
दवाइयों के सिर पर
अभी मैं कई वर्ष जीऊंगी।
मौत ने बात मान ली
'मैं फिर आऊंगी'
कह कर वह चली गई।
दस साल बाद मौत फिर लौटी
जब मुझे हार्टअटैक आया
मैंने उसे पास बिठा कर समझाया
मेरा हार्ट,
सर्जरी से ठीक हो जाएगा
तुम जाओ यहां से
मुझे अभी नहीं जाना तुम्हारे साथ
अभी मुझे इस दुनिया के और
अनुभव लेने है
फिर मौका मिले न मिले।
बहुत मुश्किल से उसे टरका दिया।
दस साल और बीत गए।
अब मैं आठवें दशक में प्रवेश कर चुकी हूं
सोचती
हूं
इस बार वह आएगी
क्या बहाना लगाऊंगी।
अभी सोच ही रही थी
वह द्वार पर आ खड़ी हो गई।
कई शारीरिक कमियों और
तकलीफों के बावजूद
मन अभी संसार से नहीं भरा।
माया ही सही
मन यहीं रम गया है
मैंने उसकी मिन्नत शुरु की।
उसने कहा
ठीक है मत चलो
जब तुम तंग आकर स्वयं पुकारोगी
मैं तुम्हें तभी लेने आ जाऊंगी।
दस साल और बीत गए हैं
शरीर जर्जर हो गया है
और हड्डियां कड़क
न चला जाता है
न बैठा जाता है
न दिखता है
न सुनता है
ऊर्जा के नाम पर शून्य।
अब मैं उसकी प्रतीक्षा में हूं।
कराहती हूं
उसे पुकारती हूं
वह कहती है
अभी रुको
मुझे फुर्सत नहीं है।