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Bhoop Singh Bharti

Abstract

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Bhoop Singh Bharti

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मार ना पिचकारी

मार ना पिचकारी

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होली में अब की बार,

मार ना पिचकारी।

कोरोना करता वार,

सुनो सब नरनारी।।


रंग गुलाल की खेल न होरी,

हाथ जोड़कै कह रही गोरी,

मैं विनती करूँ हजार, बात मानो म्हारी।


कोरोना की बुरी बीमारी,

फंसगी इसमें दुनियादारी,

मानो मेरी मनुहार, कहे थारी प्यारी।


दो गज दूरी है मजबूरी,

मास्क लगाना बड़ा जरूरी,

ये खेलन से इंकार, करो दुनियादारी।


कहे भारती होली आई

फागण की या मस्ती लाई

सभनै देना बधाई, रहो खुश नरनारी।


     


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