होली आई
होली आई
होली आई होलिका की
याद फिर से दिलाने को
विजय होगी अच्छाई की
बुराई फिर से हराने को
हिरण्यकश्यप था जो राजा
सर्वे सर्वा माना खुद को
सबक खुद प्रभु ने सिखाया
बचा कर प्रहलाद को
हिरण्यकश्यप आज भी हैं
धरती पर प्रहलाद भी
आओ प्रभु फिर से बचालो
अपने भोले भक्तों को
होलिका भी कम नहीं हैं
बहुत से घर में छुपी
दहन उनका फिर करो
और जीत दो सच्चाई को
रंगों का त्योहार होली
रंग बिखरे हों हृदय में
खुश हो सबकी जिंदगानी
सँवार दो हर जीव को।
