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Archana Saxena

Inspirational

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Archana Saxena

Inspirational

है गर्व हमें

है गर्व हमें

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है गर्व हमें निज भारत पर गर्वित करती यहाँ हर भाषा

पर हिंद के मस्तक पर बिंदी सी चमक रही हिंदी भाषा

है देश हमारा ऐसा जहाँ हर कोस बदल जाता पानी

हर चार कोस पर देखो तो यहाँ बदलती जाती है वाणी

फिर भी तो हिंदी अद्भुत है यह बात सभी ने है मानी

जो तुच्छ भाव से देखें इसे समझूँ मैं उनको अज्ञानी

स्वर व्यंजन अक्षर शब्द ही हैं

हिंदी का प्रारंभिक सा ज्ञान

वाक्य रूपों में व्याकरण में ढल होती जाती समृद्ध महान

रस अलंकार और छंद इसे जब पहनाते सुन्दर गहना

 फिर तो इस हिंदी भाषा के सुंदर स्वरूप का क्या कहना

कर्तव्य समझ कर इक दिन का हिंदी दिवस नहीं मनाना हमें

स्वभाव में और संस्कारों में हिंदी को ही अपनाना हमें

अब और नहीं ये उपेक्षित हो इस बात का दृढ़ संकल्प करें

इक दीप से रोशन कई दीप नन्हे दीपों में तेल भरें

फिर जगमग होगा भारतवर्ष और चमचम चमकेगी हिंदी

सब जुड़ेंगे अपनी जड़ों से जब फिर से निखरेगी ये हिंदी

हिंदी हैं हम, हिंदी से हम, यह बात हृदय में करें धारण

मातृभाषा के प्रति प्रेम जगे होगा हिंदी का विस्तारण


    


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