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Archana Saxena

Inspirational

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Archana Saxena

Inspirational

सारा जग अब सुंदर लगता

सारा जग अब सुंदर लगता

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भौतिकता की चकाचौंध में महल दुमहले खड़े किए

हृदय बहुत बेचैन था फिर भी चैन न महलों में ही मिले


घूम के आई लंदन पेरिस घूमा स्विट्जरलैंड और इटली

गई थी जिस शांति की खोज में वह शांति पर कहीं न मिली


भटक रही हर गाँव हर गली कोई तो हो जो राह दिखाए

कहीं नहीं कोई वैद्य हकीम नब्ज़ जो दिल की पकड़ भी आए


इक दिन बैठी बस यूँ ही तब आत्मसाक्षात्कार हुआ

परत दर परत हृदय से सारा कोहरा एकाएक छँटा


कहाँ कहाँ भटकती पगली आत्मा ने आवाज लगाई

कब से तुझे पुकार रही आवाज मेरी तू सुन न पाई


जिस शांति की खोज में भटके वह तेरे भीतर ही छुपी है

ये जग बैरी मिथ्या जाल है सच्चाई बस भीतर ही है


लगन लगी जब परमात्मा से आत्मा का उद्धार हो गया

सारा जग अब सुंदर लगता खुद से साक्षात्कार हो गया।


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