सत्यवादी
सत्यवादी
सत्य पथ का राही वो,
कष्टो से न जो डरता है,
सत्यवादिता को कवच बना,
निडरता से बढ़ता है।
लाख आये मुश्किलें,
मस्त चाल वो चलता है,
हर शूलों को सखा बना,
मुस्कान मुख पर रखता है,
हर आलोचक सखा जिसके,
सीख उनसे लेता है,
हार आये या जीत ही क्यो न,
समभाव सदा ही रहता है।
टूट जाये सफलताओं के किले,
पर आह न जो भरता है,
हर ओर जो घनघोर अंधेरा,
बढ़ने की हिम्मत रखता है।
घेर लिया तूफानों ने भी,
पाँवो में बंधी जंजीरे हो,
है ऐसा वो हिम्मतवाला,
सत्य राह न तजता है।
निज आदर्शों पर
चलकर वो,
तूफानों को चकनाचूर करता है,
है आदर्शों का वो अटल हिमालय,
अडिग पथ पर रहता है।
कितनी प्रतिकूल धाराएं आये,
चुभते शूल ही क्यो न हो,
ऐसा होता सत्यवादी,
बाधाओं को तोड़ता चलता है।
न उलझता आकर्षण में,
लक्ष्य की ओर बढ़ता है,
अपने आदर्शों की अग्नि में,
नष्ट कुरीति करता है,
ऐसे सत्यवादी ही,
वीर सेनानी होते हैं
अपने ही आचरणों से,
सीख सभी को देते हैं ।
करु प्रणाम मैं उन वीरो को,
जो सत्य राह पर चलते है,
चाहे कितने तूफान क्यो न हो,
विजयी वो ही रहते हैं ।