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भावना भट्ट

Inspirational

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भावना भट्ट

Inspirational

क़लम की ताकत

क़लम की ताकत

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क़लम को बना हथियार

शब्दों से तू कर वार

जग की कटु वाणी सुनकर

स्वयं से तू मत हार


जब जीवन में अंतर्द्वंद चल रहा हो

कोई मार्ग न नज़र आ रहा हो

तू बस क़लम उठा

कुछ पल को ही मन अशांति मिटा


निज हृदय को न तपा 

खुद से न हो तू खफ़ा

मनोस्थिति की स्याही बिखरा

खुद को न तू दोषी ठहरा


जब साथ न होगा तेरे कोई 

क़लम होगी तेरे साथ तब भी

तो क्या सोच रहा अब भी

वो कभी न कहेगी तुझे दोषी


तभी तो कहती हूँ मैं :


क़लम को बना हथियार

शब्दों से तू कर वार

न सुन किसी की फटकार

खुद को क्यों रहा है धिक्कार।


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