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Brijlala Rohanअन्वेषी

Inspirational

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Brijlala Rohanअन्वेषी

Inspirational

जो फिर से मुस्कुरा दे

जो फिर से मुस्कुरा दे

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जो टूटने पर भी किसी का साथ मिलने से, 

किसी की उम्मीदवारी पे फिर से वो मुस्कुरा दे!

है दुनिया की कोई ताकत जो फिर से उसे हरा दे!

है दुनिया की कोई शक्ति जो उसे मंज़िल से भटका दे!

जो हर परिस्थितयों का सामना करते हुए खुद को वज्र सा बना ले,

है दुनिया की कोई ताकत जो फिर से उसे पिघला दे!

है दुनिया की ताकत जो उसके मार्ग से भटका दे!

जो टूटने पर भी किसी के साथ से, 

किसी की उम्मीद पे फिर से मुस्कुरा दे,

दुनिया की कोई ताकत नहीं जो फिर से उसे हरा दे!

जो परहित को ही अपनाने लक्ष्य बनाकर, 

 जीवन उसी में ही लगा दे 

दुनिया की कोई ताकत नहीं जो उसके उद्देश्य से भटका दे!

दुनिया की कोई शक्ति नहीं जो उसे तिल भर भी उसे डिगा दे !

जो घुप्प अंधरे में भी आत्मदीपो भव: का बत्ती हृदय में जला ले, 

दुनिया की किसी तूफ़ाँ की कोई ताकत नहीं जो फिर से उसे बुझा दे ।

जो हालातों  की जर्जर मार से टूटने पर भी किसी की साथ मिलने से ,

किसी की उम्मीद पे फिर से मुस्कुरा दे!

दुनिया की कोई ताकत नहीं जो फिर से उसे हरा दे!



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