आचरण
आचरण
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मानवता का साथ निभाना
मातृभूमि की लाज बचाना
तिरंगे का सदा मान बढ़ाना
कर्तव्य पथ पर बढ़ते जाना
ज्ञान की अखंड ज्योत जलाना
प्रगति निरन्तर करते जाना
शिष्टाचार के गुल खिलाना
संस्कारों से उपवन महकाना
विद्वानों की शरण में जाना
मूर्खों की बातों में न आना
कोई कितना भी मारे ताना
अपनी बुद्धि से पुण्य कमाना
बाधाओं से मत घबराना
बहादुर सदा बनते जाना
धीरता का मार्ग अपनाना
अपना समय कभी न गंवाना
बंधुत्व भाव जग में फैलाना
बैर भाव को जड़ से मिटाना
करनी पड़े चाहे कड़ी तपस्या
अपना ईमान कभी न गिराना।