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FORAM. R. MEHTA

Inspirational

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FORAM. R. MEHTA

Inspirational

हंगामा

हंगामा

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कोशिश की है लोगों ने ,

मुझको मिटाने की।

कुछ ऐसे बड़े लोगों के लिए, 

खुशी के गीत गाती हूँ।

 

प्रतिबंध मेरी सफलता पर,

पाबंदी मेरी बग़ावत पर।

धृणा करने वालों सुनो,

फिर क्यों मैं तुम्हारी प्रेरणा बन जाती हूँ?


उम्र बहता दरिया है,

तरंगो के साथ चलना है।

सितम कर ले अब दुनिया,

ओढनी मेरी तो मेरा कफ़न है।


हमारे दिल के ख्वाब ,

दम पर मेरे मुकम्मल है।

कलम को खून देतें हैं,

तब जज़्बाती शब्द निकलतें हैं।


रहो आबाद ए दुश्मन ,

दुआ यह महफिल में हम पढ़ते हैं।

हमारे भाल पर है लिखा जरा दू मुस्कुरा तो,

मुस्कान पर हमारी लोग हंगामा करतें हैं।



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