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FORAM. R. MEHTA

Classics

4  

FORAM. R. MEHTA

Classics

जय सियाराम

जय सियाराम

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अयोध्या में आनंद उत्सव का शोर,

 ढोल ,मृदंग ,शंख बजे चहू ओर।


 शुभ अयोध्या नगरी है सजाई,

राम जन्म की सबको बधाई ।


प्रभु आए करने अद्भुत लीला,

जिसने राम नाम लिया मोक्ष का द्वार मिला ।


मर्यादा, त्याग ,करुणा की पहचान,

 अभिमान हर हिंदू का श्री राम भगवान।

 

माँ कौशल्या की ममता पिता दशरथ की आज्ञा में राम,

 माँ शबरी की समता, पवित्रता में राम ।


काकभुशुंडीजी की वाणी कहे जय श्री राम,

 तुलसीदास जी की चौपाई यों में बसते श्रीराम ।


बजरंगबली ,केवट, भरत के स्वामी ,

लक्ष्मण ,शत्रुघ्न कहे जय सियाराम।


 क्षमावान, दयावान हिंदू की आस्था है राम,

 स्वाभिमान ,लोकहित का राम है प्रतिमान ।


सन्यासी ,अविनाशी, नित्य प्रवासी,

 पितृवचन के लिए बने वनवासी।


 सत्य ,धर्म ,मर्यादा की श्रीराम राज्य की करें हम बात, 

हिन्दुधर्म की विजय पताका का प्रमाण जय सियाराम। 



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