जय सियाराम
जय सियाराम
अयोध्या में आनंद उत्सव का शोर,
ढोल ,मृदंग ,शंख बजे चहू ओर।
शुभ अयोध्या नगरी है सजाई,
राम जन्म की सबको बधाई ।
प्रभु आए करने अद्भुत लीला,
जिसने राम नाम लिया मोक्ष का द्वार मिला ।
मर्यादा, त्याग ,करुणा की पहचान,
अभिमान हर हिंदू का श्री राम भगवान।
माँ कौशल्या की ममता पिता दशरथ की आज्ञा में राम,
माँ शबरी की समता, पवित्रता में राम ।
काकभुशुंडीजी की वाणी कहे जय श्री राम,
तुलसीदास जी की चौपाई यों में बसते श्रीराम ।
बजरंगबली ,केवट, भरत के स्वामी ,
लक्ष्मण ,शत्रुघ्न कहे जय सियाराम।
क्षमावान, दयावान हिंदू की आस्था है राम,
स्वाभिमान ,लोकहित का राम है प्रतिमान ।
सन्यासी ,अविनाशी, नित्य प्रवासी,
पितृवचन के लिए बने वनवासी।
सत्य ,धर्म ,मर्यादा की श्रीराम राज्य की करें हम बात,
हिन्दुधर्म की विजय पताका का प्रमाण जय सियाराम।