:- सुख मंत्र
:- सुख मंत्र
नारी जन्म अनमोल रे,
धूल में मत रोल रे ।
अब तो मिला है फिर न मिलेगा ,
कभी नही कभी नही कभी नही रे।
विश्व को जिंदगी अर्पित करनेवाली है रे,
मृत्यु को भी हरानेवाली है रे।
करुणा,दया,है तुझ में भारी रे,
हर अस्तित्व की नीव है नारी रे।
सभ्यता,संस्कृति की पहचान है तू तो रे,
शिव के संग शक्ति का सम्मान है तू रे।
अर्धांगिनी है मत भूल अपना मोल रे,
अस्तित्व अपना माटी में मत रोल रे।
आधार इस संसार का तू है रे,
सार मीठी जिंदगानी का तू है रे।
नर के मकान को घर कर रे,
नर के नसीब में सुख मंत्र तू है रे।