शीर्षक : आनंद
शीर्षक : आनंद
फागुन का माह आया ,
मन में उमंग आनंद छाया।
बरसाने में राधा संग श्याम,
अवध में सीता संग रघुराम ।
बचपन की यादों के हैं रंग,
कच्चे पक्के रिश्ते दोस्तों के संग।
दबे पांव सिरहाने आकर ,
बांसुरी बजा गए कान्हा मोह लगाकर ।
काशी में शिव भक्त करे धमाल,
मिलकर दोस्त दुश्मन सभी खेले रंग गुलाल ।
नव यौवन रंग संग मारे कुलाँचे,
कोई उनके भी विचार सुगंधी बांचे।
प्रेम रंग हो फागुन सी जिंदगी,
भगवा रंग कर लो प्रिय बंदगी।
पाओ मथुरा ,गोकुल सा स्नेह,
हर घर में वृंदावन,
बरसाने सा हो नेह ।
