नवरात्र की उमंग
नवरात्र की उमंग
मन अति प्रसन्न है,
नवरात्रि की उमंग है ।
माँ का आशीष अखंड है,
माँ का अस्तित्व नवखंड में है ।
हर्ष, उत्कर्ष, स्नेह दो,
दया, करुणा, सत्य दो,
रिद्धि, सिद्धी, संपूर्णता दो,
विद्या, बुद्धि, सम्मान दो ।
अन्न, धन, कृपा बरसे अपार,
दरस ख़ातिर अधिर सब बाल।
सुख, शांति, हर एक के पास हो,
हर्षित, पुलकित संसार हो ।
मुश्किलों से निकालो माँ,
प्रेम, धर्म, मानवता फैलाओ माँ।
एकमात्र सत्य का प्रमाण माँ,
शत् शत् वंदन चरण में माँ ।