शीर्षक:- प्रहार
शीर्षक:- प्रहार
जय घोष राजा उदय सिंह के घर हुआ,
राणी जीवत कंवर ने महाराणा प्रताप को जन्म दिया।
रण बांकुरा महाराणा राजपूत घर आया,
युद्ध भूमि में दो तलवार संग प्रवेश करता।
राजपूती अभिमान राणा सांगा का वंशज ,
स्वतंत्रता, स्वाभिमान जैसे शब्द दिए बढ़ाई अपनी शान।
सिंह सी दहाड़ डरता शत्रु राणा के गर्जन से,
चेतक पर सवार राणा पीछे हटा नहीं शत्रु के मर्दन से ।
रणभूमि में प्रवेश के लिए दो तलवार,
राणा का अस्तित्व प्रलय बन बरसाए अंगार।
एकलिंग का जयघोष अजर अमर,
वीरों का शौर्य बढ़ाएं देते आशीष जनगण झोली भर भर ।
धन्य है मेवाड़ की धरती जन्में जहां प्रताप,
सूर्य के तेज से हर लेते राणा जी सबके संताप।
मित्र ने साथ छोड़ा धर्म प्रताप ने ना छोड़ा,
मातृभूमि की खातिर कुंवर प्रताप ने कोहराम मचाया ।
भारत मां का वीर सपूत प्रताप कहे शत्रु का करो संहार,
झुके शीश चरणों में हमारे, कहते प्रताप हमें करो प्रहार।
