#शीर्षक:- मंगलकारिणी
#शीर्षक:- मंगलकारिणी
सर्व संकट हरे मां कष्ट निवारिणी,
शक्ति स्वरूपा मंगल कारिणी ।
तिमिर से तार दे कल्याणी,
दुष्टों का संहार करे संहारिणी।
सिंह पर विराजे माँ शौर्य स्वरूपा,
आदिशक्ति दिव्यता की है प्रतिरूपा ।
मोक्षदायिनी है माँ की मूरत मनोहारी,
वंदना करें सच्चे मन से माँ है कल्याणकारी।
शरण में रह शरणागत बन करें वंदना ,
अष्ट सिद्धि नवनिधि पाए करें अर्चना ।
अखंड ज्योत प्रज्वलित कर बनो सुर ज्ञानी,
सजाओ माँ का दरबार आएंगी माँ भवानी।
कृपा से माँ के खाली न हो भंडार,
सच्चे मन से जगदंबा का पाओ प्यार ।
पृथ्वी और स्वर्ग में है माता का राज,
स्मरण कर माँ का सफल करें माँ हर कांज ।