STORYMIRROR

FORAM. R. MEHTA

Classics

4  

FORAM. R. MEHTA

Classics

शीर्षक :- स्मरण

शीर्षक :- स्मरण

1 min
226


राजा सिद्धार्थ माँ त्रिशला की संतान, 

चैत्र सुद तेरस को जन्मे महावीर महान।

वाणी में वात्सल्य भाव हरदम प्रकटता,

संयम,धर्ता,गंभीरता संग है वीरता।


अच्छाई का करो आचरण, 

साधना,तपस्या से करो हरि का स्मरण। 

मानवता के संदेश का हो साक्षात्कार, 

अहिंसा का भाव हो जाए आविष्कार। 


ज्ञान,मोक्ष का संदेश दिया,

त्याग, शांति से जीवन जीया।

लोभ,मोह से जो दूर रहे,

छल,कपट सब खत्म करें।


जीवन अपना देश को अर्पित, 

क्षमा,संयम से चारित्र्य समर्पित। 

त्याग, वैर,विरोध, वाणी में ना हो क्रोध, 

जीयो और जीने दो का पाए हम बोध।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics