थक चुका हो आसमां, या रुक गई हो चांदनी, चल पड़ी हो या पवन, या दहकती हो रौशनी थक चुका हो आसमां, या रुक गई हो चांदनी, चल पड़ी हो या पवन, या दहकती हो रौशनी
तेरी आना सदा सम्मान रहे हैं मान से प्यारा शिवम् वतन। तेरी आना सदा सम्मान रहे हैं मान से प्यारा शिवम् वतन।
आओ मिलकर हम भी मनाएं गाँधी जयंती का त्यौहार। आओ मिलकर हम भी मनाएं गाँधी जयंती का त्यौहार।
इसको पढ़ वो क्या सोचेंगे चिंता मुझे सताती है इसको पढ़ वो क्या सोचेंगे चिंता मुझे सताती है
गाय हमारी संस्कृति में माता समान है क्या हम अपनी संस्कृति की रक्षा भी न करे अब ? गाय हमारी संस्कृति में माता समान है क्या हम अपनी संस्कृति की रक्षा भी न करे अब ?
जिओ और जीने दो की, परिभाषा समझाते है दुनिया को। जिओ और जीने दो की, परिभाषा समझाते है दुनिया को।