सत्य अहिंसा मानवतावाद
सत्य अहिंसा मानवतावाद
झूठ कभी न बोलो और न मांगो आँख के बदले आँख
गाँधी जी के दर्शन हैं सत्य अहिंसा व मानवतावाद
सत्य की ताकत से ही था दुबला सा तन उनका फौलाद
अहिंसा के ही मन्त्र से है हुआ भारत देश आजाद
माँ कहते थे हिन्दी को और उर्दू को मासी के समान
इसीलिए तो कहते थे हिदुस्तानी को हर भारतवासी की जुबान
मन के सच्चे प्रण के पक्के थे राष्ट्रपिता भारत
दुःख सहकर भी सत्य की खातिर करते थे आग्रह
सत्य पे अपने किये हुए प्रयोगों पर लिख डाली पुस्तक
चोरी करके जब पछताए बोल दिया सब सत्य
गाँधी जी का जीवन है मानवता का सार
मानव से ही नहीं करते थे वो पशुओं से भी प्यार
अंग्रेजो की लाठी से भी घातक था अहिंसा का हथियार
स्वदेशी के चरखे के आगे तो गयी थी बंदूकें भी हार
बापू ने हमेशा ही किया है अन्याय का प्रतिकार
कहते थे सदा ही वो बुरे को नहीं बुराई को दो मार
गाँधी जी के दर्शन हैं सत्य अहिंसा व मानवतावाद
संजोकर अपने मन में हमको रखना है इनको आबाद
आज पूरा विश्व कर रहा है अहिंसा के दूत का सत्कार
आओ मिलकर हम भी मनाएं गाँधी जयंती का त्यौहार।