आगे एक नया सबेरा हैं…..
आगे एक नया सबेरा हैं…..
पार करेगी तू समंदर यह तो बस अंधेरा हैं……और थोड़ा धैर्य रख आगे एक नया सबेरा हैं…..
तूफानों से क्या घबराना जब मंज़िल पर नाम बस तेरा हैं …….
मेहनत से कोई बहाना नहीं जब फल भी अपना तुम्हारा है…..
दिखावे की इस दुनिया मैं तुझे बस उम्मीद का सहारा है ……
लड़ जा तू अपनी खुद से लड़ाई जो आज तक तू हारा हैं……..
अब जीत तेरी पक्की हैं क्योंकि घाव उतना गहरा हैं……
मुड़कर न देख अब तू ,नहीं तू रुकना बस चलते ही रहना हैं….
