गीत : भारत के कदमों के नीचे नापाक पगड़ी होगी
गीत : भारत के कदमों के नीचे नापाक पगड़ी होगी
गीत : भारत के कदमों के नीचे नापाक पगड़ी होगी
ज़ख्म गहरा खाया है तो मार भी तगड़ी होगी
भारत के कदमों के नीचे "नापाक" पगड़ी होगी ।।
बरसों से नासूर बना था घाव दिया करता था ये
आतंकी फैक्ट्री बना विस्फोट किया करता था ये
मज़हब की अफीम खाके भिखमंगा हो गया था ये
पूरी दुनिया के आगे बेशर्मी से नंगा हो गया था ये
मोदी युग में अब इसकी रगड़ाई भी तगड़ी होगी
भारत के कदमों के नीचे "नापाक" पगड़ी होगी ।।
सर्जिकल स्ट्राइक से भी इसे होश नहीं आया था
पुलवामा में जाकर इसने सोता सिंह जगाया था
पहलगाम में धर्म पूछकर गोली इसने चलाई थीं
अबलाओं के सिंदूरों ने उस दिन कसम खाई थी
हाफिज, मसूद, मुनीर की ठुकाई तगड़ी होगी
भारत के कदमों के नीचे "नापाक" पगड़ी होगी ।।
अभी तो पानी बंद हुआ है अभी बहुत कुछ बाकी है
"ऑपरेशन सिंदूर" तो समझो बदले की इक झांकी है
पहले बंगलादेश बनाया ब्लूचिस्तान बनेगा अब
नानी याद आएगी तुझको टुकड़े टुकड़े होगा जब
नक्शे से गायब होगा लड़ाई ऐसी तगड़ी होगी
भारत के कदमों के नीचे "नापाक" पगड़ी होगी ।।
श्री हरि
8.5.2025
