गर्व है
गर्व है
जन्मदिन भी अपना सौभाग्य मना रहा होगा,
जब इस दिन धरती की सुपुत्री नें जन्म लिया होगा,
मणिकर्णिका नाम था जिसका वह झॉंसी की रानी थी,
वीरता से भरी हु़ई उस वीरांगना की देह में रवानी थी.!
थर थर कॉंपते थे दुश्मन जिससे वह चण्डी का अवतार थी,
लहराती थी तलवार गगन में जब बिजली बन कर टूटती थी,
कोई नहीं था सानी उसका देशप्रेम रग रग में समाया था,
भारत मॉं को आजाद कराने का बीड़ा उसने उठाया था ..!
जन्म लेना कोई महान कार्य नहीं है महान वो हैं जिनका जन्म दिन याद रहे ,
देश की खातिर मर मिटने का जिसमें जुनून जिंदा रहे,
करे याद देश हर पल उनकी शहादत की कहानी बने,
गर्व करे उस लाल पर खुद भारत माता ऐसे पुत्र/पुत्री जहॉं पले..!
होनहार बिरवान के होत चीकने पात सटीक मुहावरा लगता है,
बचपन से ही मनुु के साहस का लोहा देश मानता था ,
छोटी सी वह बाला जिसका साहस मीलों लम्बा था,
जिसको दुश्मन छू न सका वो 440वोल्ट का खंभा था..!
खट्टे कर दुश्मन के दॉंत वह अश्व सवारी करती थी,
गुजरती थी वो जहॉं से भी सब पर भारी पड़ती थी,
दे दिया देशहित में प्राण वो भारत की वीर बहादुर बेटी थी,
गर्व करता है हिंदुस्तान वो लड़ती झॉंसी वाली रानी थी ..!