इसे होने दो यह जो कुछ भी है, इसे होने दो यह जो कुछ भी है,
दुश्मन के सख़्त शिकंजे से एक वीर वापस लौटा है। दुश्मन के सख़्त शिकंजे से एक वीर वापस लौटा है।
उनकी वीरताएँ अमर हो गई हैं, जिसे हम अक्सर सुनाया करते हैं। उनकी वीरताएँ अमर हो गई हैं, जिसे हम अक्सर सुनाया करते हैं।
हम में से ही कुछ लोग है ये पर ये इंसान खूबसूरत भी हैं। हम में से ही कुछ लोग है ये पर ये इंसान खूबसूरत भी हैं।
तो पर हरी बन जीना चाहता हूं इसीलिए मैं घर से दूर बॉर्डर पर रहता हूं।। तो पर हरी बन जीना चाहता हूं इसीलिए मैं घर से दूर बॉर्डर पर रहता हूं।।
नीब की पत्थर साबित तेरा अपना काम होगा हे वीर तेरे शौर्य से तेरा पहचान होगा। नीब की पत्थर साबित तेरा अपना काम होगा हे वीर तेरे शौर्य से तेरा पहचान होगा।