बेटी मैं छोड़कर ना तुम्हें दूर जाना चाहता हूं
बेटी मैं छोड़कर ना तुम्हें दूर जाना चाहता हूं
बेटी मैं छोड़कर ना तुम्हें
दूर जाना चाहता हूं
अपने पलकों के सामने
तुम्हें हमेशा पाना चाहता हूं।।
पर जो दायित्व है सर पर मेरा
उसे निभाना चाहता हूं
यही बेबसी है कि
ड्यूटी पर जाना चाहता हूं।।
मैं अपना धर्म कर्म से
कभी ना पीछे हटना चाहता हूं
इसीलिए पीठ पर नहीं
सीने पर गोली खाना चाहता हूं।।
बेटी पर हरी हूं मैं देश का
तो पर हरी बन जीना चाहता हूं
इसीलिए मैं घर से दूर
बॉर्डर पर रहता हूं।।