एक पिता का जवाब
एक पिता का जवाब
अभी दर्द न पुछिए
खुशी पुछिए बताएंगे
चाहें कैसे भी हो
मेरे बच्चे हैं बचाएंगे।।
किसी तरह खिलाएंगे पिलाएंगे
पढ़ा लिखा कर बड़ा बनाएंगे
हम कैसे भी रहें इसे बेहतर
जीवन दिखलाएंगे।।
किसी भी मुसीबत से लड़ कर
हम निश्चित ही जित जाएंगे
मेरा विश्वास बोलता है
हम उत्तम राह निकाल पाएंगे।।
अच्छे अच्छे बुनियादी ज्ञान
हमसे सीख ही जाएंगे
बड़े ज्ञान के लिए
बाहर पढ़ने चले जाएंगे।।
हर खर्च को
हम उठाएंगे
हां हम नन्हे मुन्ने का पिता हैं
किसी से भी लड़ जाएंगे।।
स्नेह प्यार जितना हो सके हम इसपर लुटाएंगे
हां इसे भी योग्य कुशल
हम बनाएंगे।।