रिश्ता और प्यार
रिश्ता और प्यार
लाख पहरे प्यार पर
दहसत भय की दीवार
चाहे कुछ भी कर ले दुनियां
भगवान।।
प्यार दिल की आवाज़
तोड़ देती हर दर दीवार
खौफ दहसत कहर को
करती दर किनार।
प्यार में ताकत चाहे जो
भी हो हालात प्यार के
जुनून में टकरां जाती
वर्तमान भविष्य से बेपरवाह।।
सिर्फ प्यार की लम्हा जिंदगी
जिंदगी हज़ार भगवान खुदा भी प्यार
से जाता हार।।
प्यार के दीवानों परवानों को दे देता
उनकी मंजिल की सौगात।
काल भी प्यार के करिश्मे का
मोहताज प्यार त्याग तपश्या
जीवन मूल्यों आदर्शो का पथ
पराक्रम प्रवाह।।
प्यार के इंतेहा हज़ार
आग के शोलो पे चलना
पड़ता कहते आग
का दरिया डूबते जाने का
नाम प्यार।।
उम्र जाती पाती का धर्म
भेद भाव से परे युवा उत्साह
उमंग तरंग दिल जज्बे का
का उफान तूफान।।
प्यार जज्बे के उफान में
धाराशाही हो जाते नफरत
गृणा घमंड द्वेष दम्भ
मानव से दानव जाते हार।।
युगों युगों के परिवर्तन भी
ना बदल सकी प्यार का
प्रवाह क्या बदल पाएगी
कहर के दिन चार।।
प्यार से ही रिश्ते कच्चे धागे
की डोर में बंधे रिश्तो के रीति
रिवाज।।
प्यार भाई बहन का प्यार हो
या माँ बेटे का प्यार।।
मास्क दो ग़ज़ की दूरी कोई
भी मजबूरी प्यार से जाती हार।।
प्यार कायनात का वजूद बुनियाद
कोई ताकत प्यार को नही करसकती परास्त।।
