अनुभव - एक अक्स !
अनुभव - एक अक्स !
कुछ बातों का मतलब है
कुछ मतलब की बातें हैं।
उसकी भी क्या शख्सियत है ?
बेगैरत ही आजमाते हैं।
एक अजीब सा सुकून है
एक अतरंगी जुनून है।
वो जो दिशाहीन है
बस वही नहीं गमगीन हैं।
वो जो सिरफिरे से लगते हैं
असल में वही सच्चे हैं।
वो जो समय के आगोश में हैं
बैठे वही खामोश से हैं।
ये जो तेरे नुमाइंदे है
वो भी कहां महफूस हैं।
सब्र का भी जो अंत करे
असल में वही तेरे बंदे हैं।
सुर और ताल के जो कच्चे हैं
बेमिसाल उनके अंदाज़ हैं।
बेखौफ से जो दिखते हैं
नवयुग का आगाज़ हैं।
कुछ लड़ रहे अपने अस्तित्व बचाने को
कुछ की अपने अस्तित्व से ही लड़ाई है।
ये मन है बेचैन पता नहीं क्यूं ?
शायद तभी ये गुहार लगाई है।
ये जो उंगलियों के निशान हैं
वास्तविकता से पहचान हैं।
ये जो मेरा किरदार है
शायद वक्त की यही दरकार है।