जीवन -एक यात्रा
जीवन -एक यात्रा
कभी अच्छा तो कभी बुरा वक्त आएगा।
जीवन का ये सफर तो यूं ही कट जाएगा।
जिंदगी की इस किताब में पन्ने हज़ार होंगे।
उनमें से कुछ के बेहद रंगीन मिजाज़ होंगे।
समय की आंधी से वो पन्ने भी पलटते जाएंगे।
पुरानी यादों को पीछे छोड़कर, नई कहानियां लिखते जाएंगे।
कुछ कहानियां पूरी होंगी और कुछ अधूरी ही रह जाएंगी।
जिंदगी की इस आपाधापी में गहरी छाप छोड़ जाएंगी।
नित नए सवेरे से ही दिन का आगाज़ होगा।
हर रोज़ ये उम्मीद कि आज़ तो कुछ खास होगा।
पता नहीं, पता नहीं कितने नए चेहरे आएंगे।
कितने हमें और कितनों को हम भूल जाएंगे।
आने वाले कल की साज़िश में हम कुछ यूं उलझ जाएंगे।
वर्तमान में बसता है जीवन ये भी न समझ पाएंगे।
दूसरों को मनाते मनाते हम इस कदर मतलबी हो जाएंगे।
कि खुद से रूठ बैठे हैं हम, ये भी न जान पाएंगे।
कभी कभी सोचती हूं ये कहां जा रहे हैं हम।
आखिर क्यों दर दर की ठोकरें खा रहे हैं हम।
दास्तां ए जिंदगी को कुछ यूं बनाने की कोशिश है।
नफरतों में भी प्यार जगाने की कोशिश है।
हर कोरे कागज़ पर अब अपना कलम चलाना है।
इसने आजमाया हमें बहुत, अब हमें इसे आजमाना है।
